न्यूज़ लाइन हरियाणा, जयपाल लांबा, ब्यरो चीफ, कैथल: अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है यानि रामलला उस दिन मंदिर में विराजमान होंगे और इसे पूरे देश में उत्सव की तरह मनाया जाएगा। इसी को लेकर कैथल में भी 22 जनवरी के न्योते के रूप में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से पीले अक्षत पहुंचे हैं जिसका मतलब अयोध्या के लिए निमंत्रण है। इस कलश के पहुंचने का उद्देश्य यही है कि इस कलश में जो पीले चावल है उनको कैथल और आस-पास क्षेंत्रों में राम भक्ति से जुड़े परिवारों को वितरित कर अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण दिया जा रहा है। ये पीले अक्षत कैथल के ढाई लाख घरों में बांटे जाएंगे और इसके साथ अयोध्या आने का एक निमंत्रण पत्र भी दिया जाएगा। अयोध्या नगरी से कलश के रूप में अक्षत आया था। जिसको कैथल विश्व हिन्दू परिषद की टीम ने गाय का घी, हल्दी और चावल मिलाकर 11 किवंटल अक्षत तैयार करवाया जो, अब कैथल जिले के हर घर तक पहुंचेगा।

अक्षत की एक पाउच के रूप में पैकिंग करवाई गई है जिस पर श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या द्वारा पूजित अक्षत के साथ स्नेह निमंत्रण लिखवाया गया है। अक्षत की इस पैकिंग के साथ एक निवेदन पत्र भी दिया जाएगा। 1 जनवरी से इनको बांटने का कार्य शुरू किया जाएगा। जिसको लेकर अलग अलग टीम बनाई गई हैं जो पूरे जिले में जाकर घर-घर तक इस पवित्र अक्षत को पहुंचाएगी। इसके साथ अक्षत भरकर कुछ कलश भी तैयार किये गए हैं जो जिले के सभी मंदिरों में पहुंचाए जाएंगे।

पीले चावल या पूजित अक्षत देने महत्व क्या है
भगवान की पूजा में जिन चावल (अक्षत) का प्रयोग किया जाता है जिन्हें पवित्र माना जाता है और जिन पर हल्दी का रंग चढ़ाकर पीला कर दिया जाता है। इन्ही पीले चावलों को किसी भी शुभ कार्य के लिए निमत्रण केरूप में भी प्रयोग किया जाता है। जैसे की विवाह शादियों, धार्मिक अनुष्ठानों आदि में निमत्रण पत्र के साथ पीले अक्षत दिए जाते थे जो अति पवित्र माना जाता है। अब अयोध्या से भगवान श्री राम के 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए भी पीले अक्षत देकर ही निमत्रण दिया जा रहा है।